गोल्ड का दाम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। MCX पर भाव 56 हजार 245 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑलटाइम हाई बना चुका है। इससे पहले अगस्त 2020 में गोल्ड 56 हजार 191 रुपये के सबसे ऊंचे स्तर तक गया था। इंटरनैशनल मार्केट में भी गोल्ड 1900 डॉलर प्रति औंस का लेवल पार कर चुका है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले महीनों में गोल्ड 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है और इंटरनैशनल मार्केट में इसका भाव 2100 डॉलर प्रति औंस से ज्यादा हो सकता है। आइए देखते हैं अभी कौन से फैक्टर गोल्ड को सपोर्ट कर रहे हैं और क्यों कहा जा रहा है कि यहां से इसमें और तेजी आ सकती है।

क्या डॉलर में कमजोरी से गोल्ड चढ़ रहा है?

गोल्ड इंटरनैशनल कमोडिटी है और मोटे तौर पर इसकी प्राइसिंग डॉलर में तय होती है। डॉलर में कमजोरी आने पर गोल्ड के दाम अमूमन चढ़ते हैं। यूएस डॉलर इंडेक्स पिछले साल सितंबर में 114 के स्तर पर था। वहां से घटकर यह 103 के आसपास आ चुका है। यह इसका 7 महीनों का निचला स्तर है।

साल 2021 में डॉलर इंडेक्स 101 से 89 के करीब आ गया था और तब गोल्ड ने 17 प्रतिशत रिटर्न दिया था। मंदी के खतरे को देखते हुए साल 2023 की दूसरी छमाही में अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर घटाई तो डॉलर इंडेक्स तेजी से नीचे जा सकता है। इससे गोल्ड को सपोर्ट मिलेगा।

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